भारत चुनाव आयोग (Election commission of India) का गठन भारत में स्वतंत्र निष्पक्ष रूप से भारत के प्रतिनिधित्व संस्थानों में प्रतिनिधि चुनने के लिए किया गया था।
भारतीय चुनाव आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 को की गई थी अब इस तारीख को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रुप में मनाया जाता है
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चुनाव आयोग की नियुक्ति एवं कार्य विधि
मुख्य चुनाव आयोग की और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति भारत का राष्ट्रपति करता है।मुख्य चुनाव आयोग का कार्यकाल 6 वर्ष या आयु 65 साल का होता है, जबकि अन्य चुनाव आयोग का कार्यकाल 6 वर्ष की आयु 62 साल का होता है। चुनाव आयुक्त का सम्मान और वेतन भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीश के समान होता है।मुख्य चुनाव आयोग को संसद द्वारा महाभियोग के जरिए ही हटाया जा सकता है।
भारत निर्वाचन आयोग के पास विधानसभा, लोकसभा ,राज्यसभा और राष्ट्रपति आदि चुनाव से संबंधित सत्ता होती है। जबकि ग्रामपंचायत, नगरपालिका, महानगर, परिषद और तहसील एवं जिला परिषद के चुनाव की सत्ता संबंधित राज्य निर्वाचन आयोग के पास होती है।
चुनाव का अधिकार क्या है?
भारत में वोट डालने की कोई कानूनी बाहयता नहीं है और यह नागरिकों का अधिकार है,कर्तव्य नहीं। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति एंव राज्यसभा सदस्यों के चुनाव प्रत्यक्ष ना हो पर अप्रत्यक्ष रूप से होते हैं।इन्हें जनता द्वारा चुने जाते हैं। चुनाव के वक्त पूरी प्रशासनिक मशीन चुनाव आयोग के नियंत्रण में कार्य करती है।
भारत में महिलाओं को वोट देने का अधिकार कब मिला?
भारत शासन अधिनियम 1919 (montage Chelmsford sudhar)द्वारा भारत में पहली बार महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिला। भारत में वोट देने का अधिकार वैधानिक यह संवैधानिक या फिर मौलिक अधिकार है।
भारत में कितने निर्वाचन क्षेत्र हैं।
भारत में 543 संसदीय निर्वाचन क्षेत्र है जिसमें से प्रत्येक में से एक सदस्य चुना जाता है।
भारत में मतदान करने की आयु कितनी है?
भारत में कोई भी नागरिक जिसकी उम्र 18 वर्ष या उससे ज्यादा हो मतदान करने के लिए अपना पंजीकरण करवा सकते हैं।