अगर आप अपने समृद्ध जीवन जीने की कल्पना करते हैं तो आप इसे आकर्षित कर लेंगे यह सिद्धांत हर बार हर इंसान के मामले में काम करता है
जब आप अपने समृद्ध जीवन जीने की कल्पना करते हैं तो आकर्षण के नियम के द्वारा शक्तिशाली और समानार्थक सचेतन रूप से अपने जीवन का निर्माण कर रहे हैं यह सब काम इतना ही आसान है लेकिन फिर भी हमारे मन में सबसे स्पष्ट सवाल यह आता है ।
“हर व्यक्ति अपने सपनों की जिंदगी क्यों नहीं जी रहा है”
बहुत मजे की बात है कि आकर्षण का नियम सृजन का नियम है । हम सब अपने विचारों और आकर्षण के नियम के द्वारा अपने जीवन का सृजन कर सकते हैं और जिनको पता है वह हर व्यक्ति यही कर रहा है ।
आप इस बात को जाने या ना जाने यह हमेशा सक्रिय रूप से काम कर रहा है । यह पूरी इतिहास में आपके और हर व्यक्तियों के जीवन में हमेशा – हमेशा सक्रिय रहा है । जब आप इस महान नियम को जान लेते हैं तब जाकर आपको पता चलता है कि आप अंदर से कितने अविश्वसनीय रूप से शक्तिशाली है।
आकर्षण के नियम में हम से कैसे चूँक होती है?
हम अपने जीवन के रोजमर्रा के समय में किस तरह से हर एक दिन उन चीजों से दूर हो जाते हैं जो हमें चाहिए और वह चीज हमें नहीं हो पाता है ।
यही समस्या है ज्यादातर लोग इस चीज के बारे में सोच रहे हैं कि वह चीज क्यों नहीं हो रहा और वह क्या नहीं चाहते हैं
और फिर बार-बार इस बात पर हैरान हो रहे हैं कि उनके साथ वह सारी बुरी चीजें क्यों होती है ।
लोगों को अपने सपनों की जिंदगी उनकी मनचाही चीजें नहीं मिलने का एक मात्र कारण यह है कि उन चीजों के बारे में सबसे ज्यादा सोच रहे हैं कि वह क्या नहीं चाहते हैं बजाय इसके कि वे क्या चाहते हैं ।
हम सभी और पूरी मानव जाति में सदियों से एक महामारी फैली हैं । जो प्लेट नामक बीमारी से ज्यादा भयंकर हैं यह बीमारी है “नहीं चाहता” की महामारी है ।
आप एक नजर डालेंगे तो लोग इस महामारी को एक दूसरे के साथ बढ़ावा देते दिखेंगे , जब वे लोग उन चीजों पर प्रबलता से सोचते बोलते रहते और काम करते और ध्यान केंद्रित करते रहते हैं, उन चीजों पर जिन्हें वे नहीं चाहते हैं।
लेकिन यह ज्ञान पाकर या फिर भी इतिहास बदल देगी क्योंकि हमें वह ज्ञान मिल रहा है । जो हमें इस तरह के महामारी से मुक्ति दिला सकता है या आप से ही शुरू होता है ।
आकर्षण के सिद्धांत अच्छा बुरा में भेद नहीं करता।
आकर्षण का नियम हमारी किसी बात की परवाह नहीं करता है कि हम किस चीज को अच्छा मानते हैं या बुरा हम उस चीज को चाहते हैं या नहीं यह नियम तो हमारे विचारों पर प्रतिक्रिया करता रहता है ।
इसलिए – कभी हम किसी कार्ज के पहाड़ को सोचकर बुरा महसूस कर रहे हैं या उन व्यक्ति से मेरा संबंध अच्छा नहीं है तो हम उस समय ब्राह्मण में यह संकेत भेज रहे है ।
” मैं इतने भारी कर्ज को बुरा महसूस कर रहा हूं उसके साथ मेरा संबंध अच्छा नहीं है”
तो हम खुद से यह बात दरिद्रता से कह रहे होते हैं हम इसे अपने अस्तित्व के हर स्तर पर महसूस कर रहे होते हैं
फिर होगा जहां परिणाम आपको वही चीजें ज्यादा मिलेगी
आज्ञाकारी आकर्षण हमें अपने आप से या विश्वास जोड़ना है कि आकर्षण का नियम सचमुच आज्ञाकारी हैं जब हम अपनी मनचाही चीज के बारे में सोचते हैं और पूरे इरादे के साथ उन चीज पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो आकर्षण का नियम हमें अपनी मनचाही चीजें जो हम अपने विचार में रखते हैं वह देगा ।
हर बार,
हेलो और जब हम उन चीजों पर ध्यान केंद्रित करते हैं जिन्हें हम नहीं चाहते हैं जैसे वह मुझ पर बदतमीजी से पेश ना आए मैं देर से नहीं पहुंचना चाहता या मुझे देर हो जाएगी या और कुछ…
तो आकर्षण के नियम को यह सुनाई नहीं देता है कि आप उन चीजों को नहीं चाहते हैं वह तो बस उन चीजों को हमारे जीवन में प्रकट कर देता है जिनके बारे में हम सोचते रहते हैं इसलिए ऐसा सभी के साथ बार बार और हर बार होता है ।
आकर्षण का नियम हमारे इच्छा या अनिच्छा में भेदभाव नहीं करता है ।
जब आप किसी भी चीज पर ध्यान केंद्रित करते हैं चाहे वह जो भी हो तो आप दरअसल उसे अपने जीवन के हर हिस्से में शकार कर रहे हैं।
यह हो कैसे जाता है
जब हम कुछ विचार रहे होते हैं, तो हमारे अंदर वह भाव उत्पन्न होने लगता है और हम उन चीज को अपनी कल्पना में देखने लगते हैं । जो बहुत शक्तिशाली होता है और अपने विचार केंद्रित कर देते हैं और कुछ पल एकाग्रता बनाए रखते हैं , तो हम उस पल ब्रह्मांड की प्रबल शक्ति से अपनी मनचाही चीज का आह्वान कर देते हैं तो होता यह है कि …
आकर्षण का नियम किसी चीज को “नही” या “नही चाहता ” या किसी भी तरह के नकारात्मक शब्द को माप या भाँप नहीं सकता है । जब हम नकारात्मक शब्द बोलते हैं तो आकर्षण के नियम को यह सुनाई देता है ।
- मैं इन कपड़ों पर कोई दाग नहीं लगाना चाहता हूं
मैं इन कपडो़ पर कोई चीज का दाग लगाना चाहता हूं और इसके अलाबा बहुत कुछ।
मैं नहीं चाहता मुझे वहां पहुंचने में देर हो जाए
मैं चाहता हूं मुझे वहां पहुंचने में देर हो जाए - मैं इस काम को नहीं संभाल सकता
मैं इसके अलावा भी ऐसे बहुत से काम चाहता हूं जिन्हें मैं नहीं संभाल सकता - मैं बुरी हेक्टेयर नहीं चाहता हूं
मैं बुरी हेक्टेयर चाहता हूं
मैं नहीं चाहता कि वह व्यक्ति मेरे साथ बदतमीजी से पेश आए
मैं चाहता हूं कि वह व्यक्ति और दूसरे व्यक्ति मेरे साथ बदतमीजी से पेश आए - मैं फ्लू का शिकार नहीं होना चाहता
मैं फ्लू और अन्य बीमारी का शिकार होना चाहता हूं - मैं नहीं चाहता कि कोई मुझे परेशान करें
मैं चाहता हूं कि कोई व्यक्ति मुझे परेशान करें - मैं बहस नहीं करना चाहता
मैं और ज्यादा बहस करना चाहता हूं - इत्यादि…..इस तरह के और भी विचार से आकर्षण का नियम हमें वही चीज दे रहा है जिनके बारे में हम लोग सोच रहे हैं